आज अचानक उनका वो
प्रश्न......
दिल को कहीं
झकझोर गया|
किस सादगी से पूछा
था उन्होने
मुझे अंदर तक
झिझोड़ गया||
तुम अब तक
मिली न मुझसे
हो
फिर प्यार क्यूँ इतना
करती हो?
चेहरा देखोगी रूबरू जब
तुम..
क्या पसंद करोगी
इतना ही......
मैं तब भी
तेरे दिल के
आँगन में
क्या टहल करूँगा
ऐसे ही??
मैं कैसे कहूँ...मैं कैसे
लिखूं
मैं देखूँ तुम्हें या
न देखूँ...
जानती हूँ मैं
फिर भी तुम्हें
कुछ चेहरे ऐसे होते
हैं
जिन्हें पहचान की ज़रूरत
नही
हम मिलें तुम्हें कभी
या न मिलें
उस एक मुलाक़ात
की भी ज़रूरत
नही
हर पल..हर
घड़ी..हर वक़्त..हर रोज़
मैं तो तुमसे
मिलती ही हूँ......
क्या हुआ जो
जिस्म न सुंदर
हो
मुझे ऐसी खूबसूरती
की चाह नही
जानती हूँ मैं
बस एक बात
यही
गर तन सुंदर
मन बेनूर हो
तो
वो महबूब मेरा हो
सकता नही...
जिस तन में
तुमसा मन रोशन
हो
वो जिस्म अंधेरा हो
सकता नही.......
वो जिस्म..............हो सकता
नही...
24 comments:
bahut khoobsurat !!!
Hiiii.....Kalpanaji...how are you??....thankss for these words of appreciations.....they give me more energy and strength to write and post something more and better...:)
क्या यही प्यार है ?....
बहुत सुंदर
This is the truth of love,very nice taruna ji.
Anita Ji ... bahut aabhaari hoon... aapki taareef ke liye... :)
Jhujhar Ji .... Yeah ... that's is love for me 'n' many more ... who believe in love ... thanksss .. :)))
oh di kya baat hai itani khubsurat rachana aapki bahut sundar behtareen di
सुन्दर रचना के लिए धन्यवाद
सुन्दर रचना के लिए धन्यवाद
pyar ko sbado m vyakt nh kiya ja sakta h pyar to bas ek ahsaas h .......pyar to ibbadat h........bahut khub
this is true,
Shiv Kumar ji .... Bahut bahut Shukriya.... :)))
Rakesh Rawat ji .... Many many thanksss ... :)))
Akanksha akki ji ... bahut Shukraguzaar hoon... :)
Mahesh Sharma ji ... soo many thanks .. :)
निसंदेह एक बहुत सार्थक,सुंदर, श्रेष्ठ रचना, प्रेम के रंगरूप और उसके अर्थ को अभिव्यक्त करते हुए.
Very nice & heart touching
bahut hi sudar rachna , tan se adhik mann ki sundarata maayane rakhti hai , waaah shubhkamnaayen
bahut hi sudar rachna , tan se adhik mann ki sundarata maayane rakhti hai , waaah shubhkamnaayen
Bahut Shukriya .... Yogesh ji ... :)))
Bahut Shukriya ... Shekhar ji ... Jii haan man ki sundarta ..bahut adhik maayne rakhti hai... tan to nashwar hai ... :)))
Bahut bahut sunder bhavatmak prastuti...hardik badhai ji
Virendra ji ... bahut hi shukriya... :))
ना तो प्यार अंधा होता है और नहीं अंधे ही प्यार करते है ये तो दिल का मामला है जिसे दिल ही जानता है की मेरी अनुभूति गलत नही हो सकती
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