बुलंदी
तेरे पहलू मे दो पल की जिंदगी है बहुत,
एक पल की हँसी,एक पल की खुशी है बहुत|
मुझे दुनिया चाहे पहचाने या ना पहचाने,
तेरे जेहन मे मेरी मौजूदगी है बहुत|
दुनयावी साज़ों की परवाह नही है मुझे,
तेरी लरजती सांसो की मौसीक़ी है बहुत|
मुझे आसमाँ की ऊँचाइयां चाहे भले ना मिले,
तेरी निगाहों मे उठी ये बुलंदी है बहुत||
..............................................तरुणा||
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