मुद्दतो बाद जो लौटोंगे वो ,तो कयामत होगी|
सारी कायनात को भी फिर,मुझसे शिकायत होगी||
कोई तस्वीर नही है दिल में, न है चाहत बाकी
बस उनको ही दिल में सजाएँगे,तो इबादत होगी|
बड़े हसीन है वो जो , दिल में मेरे बसते है,
देख लें गर तो फ़िज़ाओं में भी, नफ़ासत होगी|
आँखों-आँखो में ही हम कर लेंगे दीदार उनका,
और बाहों में भी भर लेंगे ,जो इजाज़त होगी|
ज़िक्र करता था न मेरा कोई,बस एक उनके सिवा
वो जो मुझे प्यार से देखेंगे, तो शोहरत होगी|
जो सुकून है उनके पहलू में, नही और कही,
अब तो वो क़त्ल भी कर देंगे,न शिकायत होगी|
.......................... ................न शिकायत होगी||
.......................... .......................... ...तरुणा||
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