सुबह सवेरे से,शोरोगुल के बीच
दौड़ते भागते,हाँफते-हाँफते
बिताती हूँ जिंदगी को|
दुनियावी कामों मे व्यस्त होने
का दिखावा करके कहीं,
छुपाती हूँ अपने ख़ालीपन को|
बहुत कोशिशें की तुझे याद न करूँ,
अब जिंदगी को दुबारा बर्बाद न करूँ|
चलूं किसी और रास्ते पर,
तेरी चाहतों से दूर जा निकलूं|
तेरे दिए हुए ज़ख़्मों को,
जहाँ के तनावों में ढक लूँ|
लेकिन तेरी यादों ने मुझसे
अदावत कर ली|
मेरे ख्यालों ने फिर मुझसे
बग़ावत कर दी|
.......................... .
बग़ावत कर दी||
..................तरुणा||
1 comment:
SAPNAJI...POST KE NEECHE....COMMENTS KA OPTION AATA HAI...US PAR JAAIYE AUR CLICK KARIYE ...PHIR BOX ME COMMENT TYPE KARIYE... AUR NEECHE PUBLISH KE OPTION KO CLICK KARIYE.....COMMENTS PUBLISH HO JAAYEGA...THANKS..
Post a Comment