तेरी आँखो से अब सपनें नशीलें देखती हूँ मैं
तेरी राहों पे क़दम बढ़ा के साथ चलती हूँ मैं
................................जिंदगी जीती हूँ मैं|
सारे मेरे दुखों को बस, छीन लिया है तुमने
अपनी हँसी से जहाँ को रोशन किया है तुमने
तेरे रंगो मैं रंग कर अब रोज़ ही बहती हूँ मैं|
.................................जिंदगी जीती हूँ मैं|
मुझे तुम से तो था मिलना, एक न एक दिन
पतझड़ था मेरा जीवन बहार बनना था एक दिन
तेरे गीतों की मय को गुनगुना कर पीती हूँ मैं|
....................................जिंदगी जीती हूँ मैं|
अब कुछ भी कोई करले ,जुदा न होंगे कभी
अब तू है मेरी मंज़िल, भटकेंगे न हम कभी
तेरा हाथ,हाथ में है,किसी से न डरती हूँ मैं|
...............................जिंदगी जीती हूँ मैं||
..................................................तरुणा||
15 comments:
Bahut Sundar
HIII Kalpana,.....It's so nice to see that you like my poem..........jindgi....I'm really grateful.........hope you will like many more in future...........thankssssssss.........
I look forward to more and more of your writings :)
Good morning...KALPANAJI.....I'll definitely write some more poems in future.....and would appreciate your cooperation.......thanks once again for liking my post....bye....Taruna..
जिंदगी को कैसे अपनाया जाये ये सीखाने वाली एक खूबसूरत कविता।
jaise bhi ho.......jindagi jita ho main..........bhale jindagi jahar ho pita ho main...........mujhe koi gila nahi ishe jindagi se....jindagi jita ho main.....
Babban Rai ji..... bahut bahut Shukriya..... :)))
Johny Didwania ji..... bahut Shukraguzaar hoon.... :)))
अब कुछ भी कोई करले ,जुदा न होंगे कभी
अब तू है मेरी मंज़िल, भटकेंगे न हम कभी
तेरा हाथ,हाथ में है,किसी से न डरती हूँ मैं|
...............................जिंदगी जीती हूँ मैं||bahut sundar rachana , shubhkaamnayen aapko
बहुत सुन्दर...!!
Shekhar srivastava Saahab.... Soo many thanksss ... :)))
Manisha Jii....Thanksss a lot ... :)))
bahut khub.............. hmesha ki tarh
Akanksha akki.... Sooo many thanksss ... :)))
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