Sunday, August 31, 2014

मेरा ज़र्फ.... !!!







जो शख्स आज मिरे हाल पे ...मुस्कुराया है..
था कभी अपना मगर.. आज वो पराया है ;

उसे ख़बर थी मेरी जान पे... बन आएगी...
ये जानकर भी ... मेरा ज़र्फ आज़माया है ;
(ज़र्फ-हौसला)

लगी है अपनी सूरत भी... अज़नबी मुझको....
मेरे हालात ने जब .... आईना दिखाया है ;

तब्दीली लाया है .. खुदा भी मेरे जीवन में...
दुआ में हाथ... जब उसकी तरफ उठाया है ;

बड़े ही जोशो-खरोशो से ... फिर मैं उभरी हूँ...
किसी तूफ़ान ने जब भी... मुझे दबाया है ...!!

............................................................'तरुणा'...!!!


Jo shakhs aaj mire haal pe.... muskuraya hai...
Tha kabhi apna magar..... aaj vo paraya hai  ;

Usey khabar thi meri jaan pe ... ban aayegi...
Ye jaankar bhi .... mera zarf aazmaya hai ;
(zarf-courage)

Lagi hai apni soorat bhi ... aznabee mujhko..
Mere haalaat ne jab .. aaina dikhaya hai ;

Tabdili laya hai ... Khuda bhi mere jeewan bhi ..
Dua me haath ... jab uski taraf uthaya hai ;

Bade hi josh-o-kharoho se .... phir main ubhari hun...
Kisi toofaan ne jab bhi .... mujhe dabaya hai...!!

.........................................................................'Taruna'...!!!

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