मुझको गिरा के तूने ...... खुद को उठा लिया...
अच्छा किया जो प्यार का .. मतलब बता दिया ;
ज़िंदगी भर भी सीख न पाती ... जो सबक़ मैं...
बस चार दिन में तूने .... मुझको सिखा दिया ;
जिन रास्तों से थी मैं ... अनजान अब तलक...
उन रास्तों से तूने .... मुझको मिला दिया ;
अपनी छवि की मैंने न ... परवाह की कभी.....
सच पे तूने झूठ का .... मुलम्मा चढ़ा दिया ;
ज़िंदगी के दूसरे पहलू से ... अब हूँ मैं रूबरू..
कोयला तलाशते तूने .... हीरा गवा दिया ;
जा शाद रह तू ... हो आबाद हर जनम...
मुझको मिटा के तूने क्या .. ख़ुद को बना लिया ?
...................................................................'तरुणा'...!!!
Mujhko gira ke tune ..... khud ko utha liya ...
Achcha kiya jo pyaar ka .. matlab bata diya ;
Zindgi bhar bhi seekh na paati .. jo sabak main..
Bas chaar din me tune ... .. mujhko sikha diya ;
Jin raasto se thi main ... anjaan ab talak ...
Un raaston se tune ... mujhko mila diya ;
Apni chhavi ki maine na... parvaah ki kabhi...
Sach pe tune jhooth ka ... mulamma chadha diya ;
Zindgi ke doosre pahlu se ... ab hun main rubaru...
Koyla talashte tune .......... heera gawa diya ;
Ja shaad rah too ... ho aabaad har janam ...
Mujhko mila ke tune kya.. khud ko bana liya ?
................................................................................'Taruna'... !!!
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