Saturday, August 16, 2014

वो सबक़ ..... !!!























मुझको गिरा के तूने  ...... खुद को उठा लिया...
अच्छा किया जो प्यार का .. मतलब बता दिया ;

ज़िंदगी भर भी सीख न पाती ... जो सबक़ मैं...
बस चार दिन में तूने .... मुझको सिखा दिया ;  

जिन रास्तों से थी मैं ... अनजान अब तलक...
उन रास्तों से तूने .... मुझको मिला दिया ;

अपनी छवि की मैंने न ... परवाह की कभी.....
सच पे तूने झूठ का .... मुलम्मा चढ़ा दिया ;

ज़िंदगी के दूसरे पहलू से ... अब हूँ मैं रूबरू..
कोयला तलाशते तूने .... हीरा गवा दिया ;

जा शाद रह तू ... हो आबाद हर जनम...
मुझको मिटा के तूने क्या .. ख़ुद को बना लिया ?


...................................................................'तरुणा'...!!!


Mujhko gira ke tune ..... khud ko utha liya ...
Achcha kiya jo pyaar ka .. matlab bata diya ;

Zindgi bhar bhi seekh na paati .. jo sabak main..
Bas chaar din me tune ... .. mujhko sikha diya ;

Jin raasto se thi main ... anjaan ab talak ...
Un raaston se tune ... mujhko mila diya ;

Apni chhavi ki maine na... parvaah ki kabhi...
Sach pe tune jhooth ka ... mulamma chadha diya ;

Zindgi ke doosre pahlu se ... ab hun main rubaru...
Koyla talashte tune .......... heera gawa diya ; 

Ja shaad rah too ... ho aabaad har janam ...
Mujhko mila ke tune kya.. khud ko bana liya ?


................................................................................'Taruna'... !!!

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