Tuesday, August 5, 2014

वो एक शख्स....!!!



कल एक शख्स... मुझे मिल गया...
दिल में जाने क्या .. पिघल गया ;

शाम को निकला.. शरबती चाँद....
रात आते ही क्यूँ ... ढल गया ;

अर्ज़ियां दिल ने दिल ... को दी...
क्यूँ ज़माने को अब... खल गया ;

है कविश उस लम्हे में... जीने की..
ख्व़ाब कैसा मुझमे... मचल गया ;
(कविश-प्रयास)

रोज़ मौसम .. बदलता है मिजाज़...
क्या नया जो वो ... बदल गया ... !!

................................................'तरुणा'...!!!


Kal ek shakhs .. mujhe mil gaya....
Dil me jaane kya ... pighal gaya ;

Shaam ko nikla... sharbati chaand..
Raat aate hi kyun... dhal gaya ;

Arziyaan dil ne dil .... ko di...
Kyun zamane ko ab.. khal gaya ;

Hai kavish us lamhe me... jeene ki..
Khwaab kaisa mujhme... pighal gaya ;
(kavish-attempt)

Roz mausam ... badalta hai mijaaz....
Kya naya jo vo ... badal gaya... !!

.........................................................'Taruna'... !!!




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