हे चितचोर..!!!
मैं हूँ .. तुम्हारी प्रेयसी...
दिल में तेरे..
मैं ही तो बसी...
कभी
मान-मनौवल...नेह पगी छेड़-छाड़...
मुरली का ..
अद्भुत अमिट राग......
बेसुध .. नंगे
पैर... दौड़ कर आना....
प्रेम की बारिश
में..... भीगते जाना.....
तुम्हारा ... वो
मुझे छोड़ के जाना....
और मेरे अनेक
..अनुतरित्त प्रश्नों का....
मन में ही ... रह
जाना....
मंदिर में आज
भी.. तुम संग बसी हूँ...
हूँ वही राधा ...
जो तुममे रची हूँ....
हे प्राणेश्वर...
!!!
हूँ मैं
...तुम्हारी अर्द्धांगिनी....
तुम्हारे
साम्राज्य की... स्वामिनी...
सर्वस्व किया..
तुमपर न्यौछावर...
ली जब तुम संग...
भांवर....
कोई प्रश्न
नहीं..... कुछ विरोध नहीं...
तेरे कदमो की...
बनी अवरोध नहीं....
मौन हूँ... ये
जानते हुए भी...
कि जीवन में
हूँ... दिल में नहीं..
मैं हूँ...
रुक्मणी वही....
हे मनमोहन...!!!
सखा तू
है....मतवाला...
रिश्ता हमारा
है..... अनोखा निराला..
स्त्री-पुरुष
की..... मैत्री है कैसी....?
जग में तो नहीं
है... रीत कोई ऐसी...
दिल की हर बात
है.. तुमको बताई....
तुम्हारी सलाह
कितनी बार ली.. कन्हाई...
दुनिया ने तो
लगाए ... कितने ही लांछन...
है बड़ा ही
पवित्र... हमारा ये बंधन..
दुनिया न समझी
है.... न जानी है...
हमारे सुन्दर
रिश्ते की... जो कहानी है...
दूसरा कहाँ है...
ऐसा उदाहरण....
द्रौपदी के...
सखा रूप में.. तुम्हारा अवतरण...
हे भगवन.....!!!
मैं मीरा हूँ...
तुम्हारी जोगन..
हूँ विवाहिता ...
दुनिया के लिए...
पर जीवन है... अर्पण सिर्फ तुम्हारे लिए...
भक्ति में
तुम्हारी है.. मन को रमाया...
संसार बन गया
है.... बस झूठी माया....
समय से बहुत
हूँ.... मैं आगे....
बाकी सब हैं...
कितने अभागे...
सो रहे हैं....
सब गहरी नींद में....
रहेंगे अतृप्त ही
.. जो अब भी न जागे...
मैं हूँ ...वही
तुम्हारी मीरा....
बसे तुम ही हो...
इस शरीरा.....
हर रूप में...
प्रेयसी... पत्नी... सखी और जोगन....
मैं बस तुम्हारी
ही हूँ.... मोहन...
रूप अलग है... फिर भी है एक समानता....
कोई विरला है
है... इसको जानता....
किया है...स्वयं
को... बस तुम्हे ही
अर्पण..
स्त्री के हर भाव
से... सर्वस्व समर्पण...
प्रेम की
पराकाष्ठा का.. रूप हूँ साकार...
हो गयी हूँ अब
मैं... तुममे एकाकार...
बस तुममे ही...
एकाकार...!!!
...........................................................'तरुणा'..!!!
2 comments:
बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
सादर --
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
Jyoti ji...... bahut bahut shukriya ... :)
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