इक तेरी निग़ाह से ही मेरी ... पूरी ज़िंदगी संवर गई...
तू फैला अब तो हर सू है .. जहां-जहां भी नज़र गई ;
ये प्यार है मेरा तू सुन ले ... बेमौसम की बारिश नहीं...
कि उमड़ी घटा बड़ी ज़ोर से ... बरसी और गुज़र गई ;
मशहूर बड़ी हूँ अब तो मैं ... रुसवाई मेरी चारों तरफ़ा...
हर जुबां पे ज़िक्र मेरा ही है .. जहां-जहां भी ख़बर गई ;
क्या तेरा नाम लिया मैंने ... बस बात ज़रा सी की थी जो...
सारे गुल-औ-गुलशन में अब ... इक ख़ुश्बू सी बिखर गई ;
लिखने बैठी 'तरु' जब तुझको .. कुछ पता चला न वक़्त का...
शब बीती आँखों-आँखों में ..... और बातों में सहर गई... !!
......................................................................'तरुणा'....!!!
Ik teri nigaah se hi meri ... puri zindgi sanwar gayi...
Tu faila ab to har soo hai... jahan-jahan bhi nazar gayi ;
Ye pyaar hai mera tu sun le .. be-mausam ki baarish nahin..
Ki umadi ghata badi zor se ...... barsi aur guzar gayi ;
Mash'hoor badi hun ab to main .. ruswaayi meri charon tarfa ..
Har zubaan pe zikr mera hi hai... jahan-jahan bhi khabar gayi ;
Kya tera naam liya maine ..... bas baat jara si ki thi jo....
Saare gul-au-gulshan me ab ... ik khushboo si bikhar gayi ;
Likhne baithi 'Taru' jab tujhko .. kuchh pata chala na waqt ka..
Shab biti aankhon-aankhon me .... aur baaton me sahar gayi..!!
.....................................................................................'Taruna'...!!!
8 comments:
wah ji....bahut sunder...
Bahut bahut Shukriya... Bhutani saahab... :)
Beautiful........................... लिखने बैठी जब तुझको कुछ पता चला न वक़्त का,
शब बीती आँखों में और बातों में सहर गई।
Beautiful........................... लिखने बैठी जब तुझको कुछ पता चला न वक़्त का,
शब बीती आँखों में और बातों में सहर गई।
Surender Ji.... bahut bahut Shukriya... :)
keep sharing .....superb
Rajesh Jain ji.. bahut Shukriya.. :)
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