ऐसे
आलम में प्यार क्या होगा..
लुट गई है बहार क्या होगा ;
.
रंज
देता है हर कदम , उसका....
दोस्तों
में शुमार क्या होगा ;
.
जुर्मे-उल्फ़त
जो कर लिया मैंने ..
दिल
को मेरे क़रार क्या होगा ;
.
जब
वो हो ही गया है ग़ैरों का..
उसका अब ऐतबार क्या होगा ;
.
वो
जो मेरा नहीं तो उसके लिए..
दिल
मेरा बेक़रार क्या होगा ;
.
जिसको
अपनी गरज़ से मकसद हो.. ..
वो
मेरा गम-गुसार क्या होगा ;
.
जो
न ठहरा हो प्यार की रुत में..
वो
भला ख़ुशगवार क्या होगा ;
.
पेड़
था गांव में जो पीपल का...
अब
भी वो बरक़रार क्या होगा ;
.
.............................................'तरुणा'...!!!
.
Aise
aalam me pyaar kya hoga..
Lut gayi hai bahaar kya hoga ;
.
Ranj deta
hai har kadam, uska.
doston me
shumaar kya hoga ;
.
Jurm-e-ulfat
jo kar liya maine..
Dil ko
mere qaraar kya hoga ;
.
Jab wo ho
hi gaya hai gairon ka ..
Uska ab aitbaar kya hoga ;
.
Wo jo
mera nahi to uske liye...
Dil mera
beqaraar kya hoga ;
.
Jisko
apni garaz se maksad ho..
Wo mera
gam-gusaar kya hoga ;
.
Jo na
tehra ho pyaar ki rut me..
Wo bhala
khushgawaar kya hoga ;
.
Ped tha
gaanv me jo peepal ka...
Ab bhi wo
barqaraar kya hoga..!!
.
........................................................'Taruna'...!!!
2 comments:
सच में दिल छू गई।👍
संजय जी आपका दिली शुक्रिया
Post a Comment