इस
कदर आप अब मेहरबां हो गए..
हर
गली की ही हम दास्तां हो गए ;
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छू
गई वो छड़ी उसकी ज़ादू भरी...
एक
ज़र्रे से हम आसमां हो गए ;
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प्यार
करके समझ पायें हैं बंदगी..
इश्क़
वालों की अब हम जुबां हो गए ;
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उसने
आँखों ही आँखों में क्या क्या कहा..
एक
पल में हमें सौ गुमां हो गए ;
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इश्क़
करते ही क्या कुछ मिला है हमें...
प्रेम
के रोग का आशियां हो गए ;
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चल
दिए सब पता पूछ कर प्रेम का..
इश्क़
का आख़िरी हम मकां हो गए ..!!
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....................................................'तरुणा'...!!!
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Is kadar
aap ab meharbaAn ho gaye ..
Har gali ki
hi ham daastaAn ho gaye ;
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Chhoo
gayi wo chhadi uski zaadoo bhari..
Ek zar're
se ham aasmAn ho gaye ;
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Pyaar
karke samajh paaye hain bandgi ..
Ishq
waalo ki ab ham zubaAn ho gaye ;
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Usne
aankhon hi aankhon me kya kya kaha..
Ek pal me
hame sau gumaAn ho gaye ;
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Ishq
karte hi kya kuchh mila hai hame ..
Prem ke
rog ka aashiyaAn ho gaye ;
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Chal diye
sab pata poochh kar prem ka...
Ishq ka
aakhiri ham makaaAn ho gaye .. !!
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...............................................................'Taruna'...!!!
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