Tuesday, October 6, 2015

मेहरबां ... !!!



इस कदर आप अब मेहरबां हो गए..
हर गली की ही हम दास्तां हो गए ;
.
छू गई वो छड़ी उसकी ज़ादू भरी...
एक ज़र्रे से हम आसमां हो गए ;
.
प्यार करके समझ पायें हैं बंदगी..
इश्क़ वालों की अब हम जुबां हो गए ;
.
उसने आँखों ही आँखों में क्या क्या कहा..
एक पल  में हमें सौ गुमां हो गए ;
.
इश्क़ करते ही क्या कुछ मिला है हमें...
प्रेम के रोग का आशियां हो गए ;
.
चल दिए सब पता पूछ कर प्रेम का..
इश्क़ का आख़िरी हम मकां हो गए ..!!
.
....................................................'तरुणा'...!!!
.

Is kadar aap ab meharbaAn ho gaye ..
Har gali ki hi ham daastaAn  ho gaye ;
.
Chhoo gayi wo chhadi uski zaadoo bhari..
Ek zar're se ham aasmAn ho gaye ;
.
Pyaar karke samajh paaye hain bandgi ..
Ishq waalo ki ab ham zubaAn ho gaye ;
.
Usne aankhon hi aankhon me kya kya kaha..
Ek pal me hame sau gumaAn ho gaye ;
.
Ishq karte hi kya kuchh mila hai hame ..
Prem ke rog ka aashiyaAn ho gaye ;
.
Chal diye sab pata poochh kar prem ka...
Ishq ka aakhiri ham makaaAn ho gaye .. !!
.
...............................................................'Taruna'...!!!




No comments: