Monday, October 26, 2015

खोया पता... !!!



मिटा दीजिये या  बना दीजिये...
मुहब्बत का वादा निभा दीजिये ;
.
मदद हर कोई तो करेगा नहीं ..
सुने जो उसी को सदा दीजिये ;
.
दिलासों से अब  काम चलता नहीं ...
मुलाक़ात का  सिलसिला दीजिये ;
.
तलाशी तो लेने दें अपनी ज़रा...
मेरा दिल है खोया पता दीजिये ;
.
बहुत सुन चुके राग़ मल्हार हम....
कभी धड़कनें भी सुना दीजिये ;
.
ख़तावार हूँ  जुर्मे-उल्फ़त  हुआ..
सज़ा दीजिये बस सज़ा दीजिये ;
.
चरागों  की कोई  ज़रूरत कहाँ...
निग़ाहों को अपनी उठा दीजिये ;
.
कड़ी धूप है इक शज़र तक नहीं..
तो आँचल उड़ाकर हवा दीजिये ;
.
दवा-दारु से  रोग होगा न ठीक ..
दुआ कीजिये  हौसला  दीजिये ;
.
..............................................तरुणा’...!!!

.
Mita deejiye ya bana deejiye...
Muhabbat ka wada nibha deejiye ;
.
Madad har koi to karega nahi ..
Sune jo usee ko sada deejiye ;
.
Dilaason se ab kaam chalta nahi ..
Mulaqaat ka silsila deejiye ;
.
Talashi to lene den apni zara..
Mera  dil  hai khoya  pata deejiye ;
.
Bahut sun chuke raag malhaar ham..
Kabhi dhadkane bhi suna deejiye ;
.
Khatawaar hun jurm-e-ulfat hua...
Saza deejiye bas saza deejiye ;
.
Charagon ki koi jaroorat kahan..
Nigaahon ko apni utha deejiye ;
.
Kadi dhoop hai ik shazar tak nahi...
To aanchal udaakar hawa deejiye ;
.
Dawa-daaru se rog hoga na theek...
Dua keejiye hausla deejiye .....!!
.
..............................................'Taruna'.... !!!











1 comment:

संजय कुमार said...

बहुत अच्छा लगा।