Tuesday, October 20, 2015

वो पीपल की छाँव ..!!!




ऐसे आलम में प्यार क्या होगा..
लुट गई है बहार क्या होगा ;
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रंज देता है हर कदम , उसका....
दोस्तों में शुमार क्या होगा ;
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जुर्मे-उल्फ़त जो कर लिया मैंने ..
दिल को मेरे क़रार क्या होगा ;
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जब वो हो ही गया है ग़ैरों का..
उसका अब ऐतबार क्या होगा ;
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वो जो मेरा नहीं तो उसके लिए..
दिल मेरा  बेक़रार क्या होगा ;
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जिसको अपनी गरज़ से मकसद हो.. ..
वो मेरा गम-गुसार क्या होगा ;
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जो न ठहरा हो प्यार की रुत में..
वो भला ख़ुशगवार क्या होगा ;
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पेड़ था गांव में जो पीपल का...
अब भी वो बरक़रार क्या होगा ;
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.............................................'तरुणा'...!!!
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Aise aalam me pyaar kya hoga..
Lut gayi hai bahaar kya hoga ;
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Ranj deta hai har kadam, uska.
doston me shumaar kya hoga ;
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Jurm-e-ulfat jo kar liya maine..
Dil ko mere qaraar kya hoga ;
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Jab wo ho hi gaya hai gairon ka ..
Uska ab aitbaar  kya hoga ;
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Wo jo mera nahi to uske liye...
Dil mera beqaraar kya hoga ;
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Jisko apni garaz se maksad ho..
Wo mera gam-gusaar kya hoga ;
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Jo na tehra ho pyaar ki rut me..
Wo bhala khushgawaar kya hoga ;
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Ped tha gaanv me jo peepal ka...
Ab bhi wo barqaraar kya hoga..!!
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........................................................'Taruna'...!!!





2 comments:

संजय कुमार said...

सच में दिल छू गई।👍

taruna misra said...

संजय जी आपका दिली शुक्रिया