Sunday, July 6, 2014

वो एक क़तरा... !!!





आ देख ..तेरे बिन अब... क्या हाल है मेरा...
मरना ही नहीं ... जीना भी मुहाल है मेरा ;

इक क़तरा बहाया था ... समुन्दर उमड़ गया...
आया था तलातुम जहाँ ... वो गाल हैं मेरा ;

(तलातुम--तूफ़ान...एक के बाद एक लहर)

मेरे बगैर चैन-ओ-सुकूं...क्या है तेरे दिल को...
दे न जवाब फिर भी ... ये सवाल है मेरा ;

सबसे नज़र बचाके ... जिसे सूंघता है तू...
है मेरी महक उसमे ... वो रुमाल है मेरा ;

तूफां सौ छुपा के भी .. हंस देती हूँ हर रोज़...
है ज़िगर ये 'तरु' का... क्या कमाल है मेरा ..!!

...............................................................'तरुणा'...!!!


Aa dekh ... tere bin ab ... kya haal hai mera...
Marna hi nahi .... jeena bhi .. muhaal hai mera :

Ek qatra bahaya tha ... samundar umad gaya ...
Aaya tha talatum jahan... wo gaal hai mera ;

(Talaum--wave after wave… storm)


Mere bagair chain-o-sukun... kya hai tere dil ko..
De na jawaab phir bhi ye.... sawaal hai mera ;

Sabse nazar bachake ... jisey soonghta hai tu...
Hai meri mehak usme.... wo rumaal hai mera ;

Toofan sau chhupa ke bhi .. hans deti hun har roz...
Hai zigar ye 'Taru' ka ... kya kamaal hai mera ...!!

.............................................................................'Taruna'... !!!

2 comments:

omiyk said...

वाह, क्या लिखती हो, एक से बढ़ कर एक, मन ही नहीं भरता पढ़ कर, क्या खूब लिखा है,
"सबसे नज़र बचाके ... जिसे सूंघता है तू,
है मेरी महक उसमे ... वो रुमाल है मेरा ;

taruna misra said...

Uma di....... bahut bahut Shukriya.... :)