Thursday, July 3, 2014

इश्क़ मुझको है ... वहशत तो नहीं..... !!!




















दिल करता है मुहब्बत .... कोई वहशत नहीं करता...
उसको पहचानने में ..... कभी गफ़लत नहीं करता ;

दिल की खिड़कियां खोल .... झांक लेता है वो....
दरवाज़ा खटखटाने की .. भी ज़हमत नहीं करता ;

सदियों तक मैं बैठी रहूं  .... इंतज़ार में उसके...
इस हद तक तो मुझसे ... वो मुहब्बत नहीं करता ;

मुहब्बत दोगुनी होती है... मुहब्बत बांटने भर से...
नफ़रत फैलाने पर ... कोई इज्ज़त नहीं करता ;

लगता है साफ़गोई का ... ज़माना नहीं रहा...
दिल साफ़ हो जिनका... कोई सोहबत नहीं करता..!!


.................................................................'तरुणा'... !!!



Dil karta hai muhabbat .. koi vehshat nahi karta..
Usko pehchaan'ne me .. kabhi gaflat nahi karta ;

Dil ki khidkiyaan khol ....  jhaank leta hai wo ...
Darwaza khatkhatane ki .. bhi zehmat nahi karta ;

Sadiyon tak main baithi rahun ... intzaar me uske...
Is had tak to mujhse... wo muhabbat nahi karta ;

Muhabbat doguni hoti hai ... muhabbat baantne bhar se..
Nafrat failaane par ....... koi izzat nahi karta   ;

Lagta hai saafgoi ka  ... zamaana nahi raha ...
Dil saaf ho jinka .... koi sohbat nahi karta ...!!


..........................................................................'Taruna'...!!!











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