सितमगर तुम्हारा..
सितम चाहिए बस...
नहीं कोई दूजा ... करम चाहिए बस... ;
कभी तू हमारा ..... न होगा जहाँ में....
मिरा दिल है जाने... भरम चाहिए बस ;
हमेशा चलाते यहीं ......
तीर क्यूँ हो ?
कभी लफ्ज़ मुझको.... नरम चाहिए बस ;
उड़ाने बहुत हो चुकी ...... आसमां में...
शज़र मिल गया अब .. दम चाहिए बस ;
पुराने हुए हैं सभी ..... ज़ख्म अपने...
नई चोट ... गरमागरम चाहिए बस .. !!
...................................................'तरुणा'..!!!
Sitamgar
tumhara ... sitam chaahiye bas..
Nahin koi
dooja .... karam chaahiye bas ;
Kabhi tu
hamara ... na hoga jahan me..
Mira dil
hai jaane ... bharam chaahiye bas ;
Hamesha
chaalte yahin... teer kyun ho ?
Kabhi
lafz mujhko... naram chaahiye bas ;
udaane
bahut ho chuki... aasmaan me..
Shazar
mila gaya ab .... dam chaaiye bas ;
Puraane
huye hain sabhi .. zakhm apne...
Nayi chot
... garmagaram chaaiye bas ...!!
....................................................................'Taruna'..!!!
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