Monday, June 2, 2014

बस एक सितम चाहिए.... !!!



सितमगर तुम्हारा..  सितम चाहिए बस...
नहीं कोई दूजा ... करम चाहिए बस... ;

कभी तू हमारा ..... न होगा जहाँ में....
मिरा दिल है जाने... भरम चाहिए बस ;

हमेशा चलाते यहीं ......  तीर क्यूँ हो ?
कभी लफ्ज़ मुझको.... नरम चाहिए बस ;

उड़ाने बहुत हो चुकी ...... आसमां में...
शज़र मिल गया अब .. दम चाहिए बस ;

पुराने हुए हैं सभी ..... ज़ख्म अपने...
नई चोट ... गरमागरम चाहिए बस .. !!

...................................................'तरुणा'..!!!

Sitamgar tumhara ... sitam chaahiye bas..
Nahin koi dooja .... karam chaahiye bas ;

Kabhi tu hamara ... na hoga jahan me..
Mira dil hai jaane ... bharam chaahiye bas ;

Hamesha chaalte yahin... teer kyun ho ?
Kabhi lafz mujhko... naram chaahiye bas ;

udaane bahut ho chuki... aasmaan me..
Shazar mila gaya ab .... dam chaaiye bas ;


Puraane huye hain sabhi .. zakhm apne...
Nayi chot ... garmagaram chaaiye bas ...!!

....................................................................'Taruna'..!!!


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