Thursday, June 19, 2014

इक मीठी सी कसक ... !!!





















तू फ़िर मेरी तन्हाई में ... बिखरने लगा..
चाँद खिड़की से ... मेरे दिल में उतरने लगा...
बेख़ुदी में तुझे ... कभी निग़ाहों से चूम लेती हूँ...
नज़रों में क़ैद करने की ... बचकानी सी कोशिश करती हूँ...
हर आहट पे तेरी ... दिल मेरा धड़क जाता है....
रूह तक पाकीज़गी का एहसास ... भरा जाता है....
क्या यही है ... मेरा पहला सा प्यार....
इक मीठी सी कसक ... या कोई ख़ूबसूरत याद...

..................................................................'तरुणा'...!!!

Tu phir meri tanhaayi me ... bikharne laga...
Chaand Khidki se .... mere dil me utarne laga ....
Bekhudi me tujhe ... kabhi nigaahon se choom leti hoon....
Nazaron me qaid karne ki ... bachkaani si koshish karti hoon...
Har aahat pe teri ... Dil mera dhadak jata hai...
Rooh tak paakizgi ka ehsaas ... bhara jata hai...
Kya yahi hai .... Mera pahla sa pyaar ...
Ik meethi see kasak ... ya koi khubsoorat yaad ...

.....................................................................'Taruna'....!!!





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