हमारे
देश की ताक़त है सारी नौजवानों में ..
हमेशा
मुल्क को रखते हैं जो अपनी अमानों में ;
.
हमारे
ताल लय सुर मिल मधुर धुन गुनगुनाते हैं..
हमारी
जान बसती है इन्हीं कौमी तरानों में ;
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हमारा
मुल्क है ये जान इसपर वारते हैं हम...
परख
लो चाहे हमको आज़मा लो इम्तिहानों में ;
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सुनेंगे
गूँज सदियों तक हमारी एकता की सब..
शिवालों
की खनकती घंटियों में और अजानों में ;
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हमें
इस देश में जम्हूरियत जैसी मयस्सर है ..
नहीं
है ऐसी आज़ादी कहीं भी संविधानों में ;
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बदल
जाती है बोली चंद मीलों के सफ़र ही पर ...
नहीं
बदली न बदलेगी मुहब्बत इन ज़ुबानों में ;
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कोई
ख़तरा नहीं होगा अगर हम साथ में होंगे...
न
उलझेंगे कभी भी हम किन्ही झूठे बयानों में ;
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गवाही
देंगी सदियाँ और ये तारीख़ बोलेगी...
अमर
होगी हमारी दास्ताने आसमानों में..!!
..............................................'तरुणा'...!!!
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