बख्श
दे मुझको सताना छोड़ दे ..
कमसेकम
अब याद आना छोड़ दे ;
.
मारना
है शौक़ से ख़ंजर उठा ..
तीर
नज़रों से चलाना छोड़ दे ;
.
बेयकीनी
गर मुहब्बत पर तुझे...
प्यार
की कसमों को खाना छोड़ दे ;
.
तोड़ना
था दिल तो वो तोड़ा तो है...
अब
मगर टुकड़े चुभाना छोड़ दे ;
.
दे
इजाज़त नींद भर सो जाऊं मैं ..
ख्व़ाब
अब झूठे दिखाना छोड़ दे ;
.
दिल
जला कर चैन क्यों मिलता नहीं ..
राख़
को तो अब उड़ाना छोड़ दे ;
.
उफ़
तेरी तीख़ी नज़र और ये अदा ...
बिजलियाँ
मुझपर गिराना छोड़ दे ;
.
मैं
अगर नाक़ाबिले-बरदाश्त हूँ ...
जान
ले ले मुस्कुराना छोड़ दे ;
.
...............................................'तरुणा'...!!!
2 comments:
Umda
आपका बहुत बहुत शुक्रिया... :)
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