Saturday, June 25, 2016

पिंजरे ...!!!


रहे हैं क़ैद जिन पिंजरों में वो तोड़े नहीं जाते...
उसूलों के हैं यूँ पाबंद हम छोड़े नहीं जाते ;
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यहाँ रंगों की क़ीमत है नहीं महकार की वक़अत...
वगरना फूल बागीचों से यूँ तोड़े नहीं जाते ;
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तुम्हारे दर से वाबस्ता हुईं मेरी सभी राहें....
करूँ मैं लाख़ कोशिश रास्ते मोड़े नहीं जाते ;
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हसद में कोई भी असवार के कितना मुक़ाबिल हो..
गधों से दौड़ में पीछे कभी घोड़े नहीं जाते ;
(हसद-ईर्ष्या,असवार-घुड़सवार)
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अज़ीज़ों से भी बढ़कर ग़म तुम्हारे हैं मुझे प्यारे....
किसी सूरत भी अब मुझसे ये ग़म छोड़े नहीं जाते ;
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बहुत समझाया था सबने लगाओ गाँठ मत ऐसी....
उलझ के टूटते रिश्ते कभी जोड़े नहीं जाते ;
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जो तुमने आबले बख़्शे हैं मुझको प्यार के 'तरुणा'....
मुहब्बत की अमानत हैं कभी फोड़े नहीं जाते...!!
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.......................................................................'तरुणा'...!!!









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