रहे हैं क़ैद जिन पिंजरों में वो
तोड़े नहीं जाते...
उसूलों के हैं यूँ पाबंद हम छोड़े
नहीं जाते ;
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यहाँ रंगों की क़ीमत है नहीं
महकार की वक़अत...
वगरना फूल बागीचों से यूँ तोड़े
नहीं जाते ;
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तुम्हारे दर से वाबस्ता हुईं
मेरी सभी राहें....
करूँ मैं लाख़ कोशिश रास्ते मोड़े
नहीं जाते ;
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हसद में कोई भी असवार के कितना
मुक़ाबिल हो..
गधों से दौड़ में पीछे कभी घोड़े
नहीं जाते ;
(हसद-ईर्ष्या,असवार-घुड़सवार)
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अज़ीज़ों से भी बढ़कर ग़म तुम्हारे
हैं मुझे प्यारे....
किसी सूरत भी अब मुझसे ये ग़म
छोड़े नहीं जाते ;
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बहुत समझाया था सबने लगाओ गाँठ
मत ऐसी....
उलझ के टूटते रिश्ते कभी जोड़े
नहीं जाते ;
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जो तुमने आबले बख़्शे हैं मुझको
प्यार के 'तरुणा'....
मुहब्बत की अमानत हैं कभी फोड़े
नहीं जाते...!!
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.......................................................................'तरुणा'...!!!
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