बाद मुद्दत के वो लौटे तो ये हालत
होगी...
सारी दुनिया ही मेरे वास्ते जन्नत
होगी ;
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वो हसीं तो हैं बड़े दिल में जो
बसते हैं मेरे..
इक नज़र मुझको जो देखें तो इनायत
होगी ;
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उनको वैसे तो निहारेंगे निग़ाहों
से फ़क़त....
और बाँहों में भरेंगे जो इजाज़त
होगी ;
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चोर नज़रों से ही तकना मुझे मेरे
हमदम....
प्यार से मुझको जो देखोगे तो
शोहरत होगी ;
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मेरे चेहरे को न देखो तो कोई बात
नहीं.....
अपने पहलू से उठाओगे शिक़ायत होगी ;
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अक्स उनका ही तो है दिल में हमारे
‘तरुणा’.....
उनको ही दिल में सजायेंगे इबादत
होगी....!!
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........................................................’तरुणा’....!!!