अगर
तुम से बने इतना ही कर दो...
नहीं
कुछ और तो इल्ज़ाम धर दो ;
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हमारी
है कहाँ ये ज़िंदगी भी....
जो
तुम चाहो इसे नीलाम कर दो ;
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नशा
आँखों में है इतना तुम्हारी...
मिला
लो मुझसे थोड़ा सा असर दो ;
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बहुत
वीरान है ये ज़िंदगी अब ....
इसे
तुम प्यार से अपने ही भर दो ;
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नहीं
मैं यूँ नहीं छोडूंगी पीछा...
ये
अपना दिल ही मेरे नाम कर दो ;
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भटकते
दिल को छोड़ो यूँ न तन्हा...
इसे
सपनो से झिलमिल इक नगर दो ;
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हमेशा
नाक पे रहता है गुस्सा ...
मुहब्बत
को मुहब्बत की नज़र दो ...!!
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..............................................'तरुणा'.... !!!
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Agar tum se bane itna hi kar do...
Nahin kuchh aur to ilzaam
dhar do ;
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Hamari hai kahan ye zindgi bhi...
Jo tum chaaho ise neelaam kar do ;
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Nasha aankhon me hai itna tumhari..
Mila lo mujhse thoda sa asar do ;
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Bahut veeraan hai ye zindgi ab...
Isey tum pyaar se apne hi bhar do ;
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Nahin main yun nahin chhodungi peechha...
Ye apna dil hi mere naam kar do ;
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Bhatkte dil ko chhodo yun na tanha...
Isey sapno se jhilmil ik nagar do ;
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Hamesha naak pe rahta hai gussa...
Muhabbat ko muhabbat ki nazar do..!!
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..........................................................'Taruna'...!!!
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