वो अपना भी नहीं
है... और पराया भी नहीं ..
उसने कभी मुझको
.. आजमाया भी नहीं ;
मिलते तो हम
हैं..रोज़ ... ख़्वाबों के बहाने...
मुद्दतें हुई वो
मेरे घर ... आया भी नहीं ;
छाले पड़े हैं
कितने मेरे ... दिल पे कभी देखो...
सच ये भी है के
जुदाई ने .. जलाया भी नहीं ;
सब डूब रहें हैं
अब जिस.. उफान-ए-दरिया में...
आंसू कभी वो मैंने यूँ...
बहाया भी नहीं ;
कायम है ज़ेहन में
वही.. रुतबा अभी उसका...
बावजूदे-बेवफ़ाई
उसे ... गिराया भी नहीं ;
रुसवाई ने बढ़ा दी
है... शोहरत भी मेरी ख़ूब...
बेवजह मगर उसने
... फंसाया भी नहीं ;
अंदाज़-ए-ज़िंदगी
भले... अब हो जुदा जुदा ...
लेकिन 'तरु' ने उसको... भुलाया भी नहीं ..!!
.....................................................'तरुणा'... !!!
Vo apna bhi nahi hai... aur paraya bhi nahi ...
Usne kabhi mujhko ... aajmaya bhi nahi ;
Milte to ham hain..roz... khwaabon ke bahane ...
Muddaten huyi vo mere ghar .. aaya bhi nahi ;
Chhale pade hain kitne mere ... dil pe kabhi dekho...
Sach ye bhi hai ke judaai ne... jalaya bhi nahi ;
Sab doob rahen hain ab jis .. ufaan-e-dariya me....
Aansoo kabhi vo maine yun... bahaya bhi nahi ;
Qaayam hai zehan me vahi ... rutba abhi uska....
Baawzoode-bewafayi usey ... giraya bhi nahi ;
Ruswaayi ne badha di hai ... shohrat bhi meri khoob...
Bewajah magar usne .... fansaya bhi nahi ;
Andaaz-e-zindgi bhale ... ab ho juda juda ...
Lekin 'Taru' ne usko ... bhulaya bhi nahi ..!!
...........................................................'Taruna'....
!!!
5 comments:
Bahut sundar
Bahut Sundar Rachna
बहुत बहुत शुक्रिया... विनय श्रीवास्तव जी... :)
Bahut Sundar...
Sharda ... Soo many Thanks.. :)
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