कभी चाहा तुझसे ... नज़रें चुरा लूं...
कभी चाहा ... इश्क़ से अपना दामन बचा लूं...
पर ये नाज़ो - अंदाज़ तेरे... और उस पर ये अदा...
झूठ होगा गर कहूं ... कि ये दिल तुझ पर नहीं है फ़िदा...
आँखों में ... नजरानो भरी शोखियाँ....
और ... लबों पे हसीन से अफ़साने....
तेरे आने भर से खिल उठतीं हैं ... सारी कलियाँ...
आबाद हो जाते हैं ... इस दिल के वीराने...
क्या है तेरी क़ीमत ... मेरे वजूद के लिए ...
इस बात को मैं ही जानूं ... या नादान दिल जाने....
न तुम जानो ... न ही ये दुनिया जाने ....
..............................................................'तरुणा'.... !!!
Kabhi chaha tujhse ... nazren chura loon ...
Kabhi chaha ... Ishq se apna daaman bacha loon ...
Par ye naaz-o-andaaz tere ... aur us par ye ada...
Jhooth hoga gar kahun ... ki ye dil tujh par nahin hai fida...
Aankho me .. nazraano bhari shokhiyaan ...
Aur ... labon pe haseen se afsaane ..
Tere aane bhar se khil uth'ti hain ... saari kaliyaan ....
Aabaad ho jaate hain ... is dil ke veerane ..
Kya hai teri keemat ... mere wajood ke liye ..
Iss baat ko main hi jaanu ... ya naadan dil jaane ...
Na tum jaano .... na hi ye duniya jaane ....
..........................................................................'Taruna'...!!!
4 comments:
Realy .... Khubsurat ?
Shukriya... Mishra ji.. :))
पर ये नाज़ो - अंदाज़ तेरे... और उस पर ये अदा...
झूठ होगा गर कहूं ... कि ये दिल तुझ पर नहीं है फ़िदा...
आँखों में ... नजरानो भरी शोखियाँ....
और ... लबों पे हसीन से अफ़साने....
lagta hai mere man ko aapne shabd diye hain :) ..... sadhuwaad
न तुम जानो ... न ही ये दुनिया जाने ....
....................................................khoobsurat
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