तेरे वजूद की शख्सियत... बुनी है मैंने...
हर्फ़-ब-हर्फ़.... तेरी तहरीर पढ़ी है मैंने...
हर इक सफें पर...इक नाम लिखा रखा है...
जैसे अपनी याद़ों को .. इनमे ही बसा रखा है...
पहले पन्ने पे लिखा नाम .. न है तुझसे जुदा....
अब तलक .. दिल-ओ-जां से है तू .. उसपे फ़िदा..
कितने पन्नो पे .. मिली है मुझे तेरी यादे....
जो किसी से किए थे ... वो सभी वादे...
पर...आख़िरी पन्ना ये क्यूँ ... कोरा छोड़ रहा है...
अरे.. इसमें तो .. तूने मुझको छुपा रखा है...
जानती हूँ कि ... है कोरा ये पन्ना .. आख़िरी...
पर नज़र आती है इसमें कहीं .. तस्वीर मेरी...
तू ज़माने से छुड़ाए.... लाख़ अपना दामन...
इस आखिरी पन्ने पे अटका है ... तेरा भी मन...
..............................................................'तरुणा'...!!!
Tere wajood ki shakhsiyat ... buni hai maine...
Harf-b-harf ... teri tahreer padhi hai maine...
Har ik safhe par.. ik naam likha rakha hai...
Jaise apni yaadon ko .. inme hi basa rakha hai..
Pahle panne pe likha naam .. na hai tujhse juda,,,
Ab talak .. dil-o-jaan se hai tu .. uspe fida...
Kitne panno pe .. mili hai mujhe teri yaade...
Jo kisi se kiye the ... vo sabhi vaade...
Par... aakhiri panna ye kyun kora ... chhod rakha hai..
Arey... isme to .. toone mujhko chhupa rakha hai...
Jaanti hoon ki .. hai kora ye panna .. aakhiri...
Par nazar aati hai isme kahin ... tasveer meri...
Tu zamane se chhudaye .. laakh apna daaman...
Is aakhiri panne pe atka hai ... tera bhi man...
...........................................................................'Taruna'... !!!
8 comments:
तू ज़माने से छुड़ाए.... लाख़ अपना दामन...
इस आखिरी पन्ने पे अटका है ... तेरा भी मन...
khoobsurat
Pawan ji... bahut bahut Shukriya.. :)
super ji.....
तुनेतो इसमें मुझे छुपा रखा है जो सत्य है वही प्रकट हुवा है बहुत ठीक कहा है बहुत खूब
बहुत ही सुन्दर रचना
bahut shukriya... Prasad ji.. :)
Ramu ji.. behad shukriya..:)
Sanjay Kumar ji many many thanks.. :)
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