क़ैद कर लिया
है...मैंने तुमको....
अपने
अन्दर...कहीं भीतर....
अपनी क़लम
में....अपने शब्दों में...
अपनी कविताओं और
लेखनी में....
हर रोज़....हर
घड़ी....हर पल....
उकेरूँगी
तुम्हें....कागज़ पर....
कभी
निखारूँगी....कभी सवारूँगी....
कभी
रूठूँगी....कभी सताऊँगी.....
कभी नाराज़ कर
दूँगी...फिर खुद ही मनाऊँगी....
हर बात
मानूँगी....तुम्हारी कभी....
तो एक भी न सुनूँगी....कभी....
लडूँगी....झगडूंगी....कभी...यूँ
ही...
या प्यार से
सराबोर कर दूँगी...यूँ ही...
अपने सारे
भाव...तुम पर उड़ेलूगी....
सारा प्यार...तुम
पर न्योच्छावर कर दूँगी....
पर जाने न
दूँगी...तुम्हें कहीं...
आज़ाद न
करूँगी...तुम्हें कभी....
अपनी क़ैद से...
अपने प्यार की
क़ैद से...
और तुम रहोगे
हमेशा...मेरी क़ैद में...
छलकोगें....बहोगें...दिखोगें...सबको....
पर रहोगे मेरी ही
क़ैद में..ही...
मेरे प्यार की
हथकड़ियों और बेड़ियों को पहने....
सिर्फ़ मेरी क़ैद
में.....
.........................................................'तरुणा'....!!!
13 comments:
bahut khoob... taruna ji..
Bahut bahut shukriya....Mahima...:)
बहुत ही शानदार भाव पूर्ण सौम्य काव्य कृति तरुणा जी..
Mahesh ji .... bahut hi aabhaari hoon... ki aapko pasand aayi... ye kavita.. :)
Khuda ke liye aap azad kar den
Unhen ked ke kasht se mukt kar den
Ked me rahna to parinde bhi nahi chahte
dil ko achha lage to unpe ye ahsan kar den
Ha prem ki ramniy beethika me jake
Unhen apne aagosh se shant kar den
Waaaahh... Ji bahut sundar ... Likha hai... naam kyun nahi diya... Vo to mere dil me qaid hain... kisi aur ko nahi dikhtey... Siwa mere... :)
वाह्ह्ह्ह्ह ,,बेहद खुबसूरत ...तरुना जी
वाह्ह्ह्ह्ह ,,बेहद खुबसूरत ...तरुना जी
Bahut Shukriya ..... Pooja ... :)))
अत्यंत ही सुंदर एवं भावपूर्ण रचना.
अपने सारे भाव...तुम पर उड़ेलूगी....
सारा प्यार...तुम पर न्योच्छावर कर दूँगी....
पर जाने न दूँगी...तुम्हें कहीं...
आज़ाद न करूँगी...तुम्हें कभी....
अपनी क़ैद से...
अपने प्यार की क़ैद से...waaaaaaah khoobsurat rachana
Priyanka.... Soo many thanksss... :)))
Shekhar jii... Bahut bahut Dhanyawaad ... :)))
Post a Comment