दिल है बेज़ार .. इसे फिर से खिलाना ही होगा...
अब कोई ख्व़ाब नया... इसको दिखाना ही होगा ;
हमको तो परखा है दुनिया ने .. जाने कितनी दफ़ा..
थोड़ा तो अब इसको भी ... आज़माना ही होगा ;
आसान रास्तो पे ही चले हैं ... हम बार बार ....
मुश्किलों से खुद का वास्ता... कराना ही होगा ;
कैसा भी हो चिराग़ .... बुझेगा ही आखिरकार....
रोशनी के लिए ख़ुद को तो .... जलाना ही होगा ;
थकने की न उमर है ... न वजह ही बची कोई.....
बारहा ये यकीं दिल को भी.... दिलाना ही होगा ...!!
.......................................................................'तरुणा'...!!!
Dil hai bezaar .... isey phir se khilana hi hoga....
Ab koi khwaab naya ... isko dikhana hi hoga ;
Hamko to parkha hai duniya ne ... jaane kitni dafa..
Thoda to ab isko bhi ..... aazmana hi hoga ;
Aasaan raaston pe hi chale hain ... ham baar baar ...
Mushkilon se khud ka vaasta ... karaana hi hoga ;
Kaisa bhi ho chiraag ... bujhega hi aakhirkaar ....
Roshni ke liye khud ko to ... jalana hi hoga ;
Thakne ki na umar hai .... na wajah hi bachi koi...
Baarha ye yakeen dil ko bhi .. dilana hi hoga ...!!
.................................................................................'Taruna'...!!!
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