मैं कोई बर्फ़
नहीं हूँ ... के जो गल जाऊंगी...
एक चिंगारी हूँ
.... शोलों में बदल जाऊंगी ;
प्यार से देखना .. छूने की न कोशिश करना...
हाथ जो तूने
लगाया .. तो मैं गल जाऊंगी ;
यूँ तो चलते हैं .. खोटे सिक्के भी.. बाज़ारों में..
मैं खरा सोना हूँ
... हर हाल में चल जाऊंगी ;
लोहा समझे थे .. जलाया है मुझे.. .सबने बहुत..
मोम हूँ उसकी
निग़ाहों से ... पिघल जाऊंगी ;
चाहे जिस वक़्त
पुकारे वो ... बुला ले मुझको..
जैसे भी हाल में
हूँ ... घर से निकल जाऊंगी..!!
......................................................................'तरुणा'... !!!
Main koi barf nahin hun ... ke jo gal jaaongi..
Ek chingaari hun ... sholon me badal jaaoongi ;
Pyaar se dekhna ... chhune ki na koshish karna..
Haath jo tune lagaya ... to main gal jaaoongi ;
Yun to chalte hain .. khote sikke bhi .. bazaron me...
Main khara sona hun ... har haal me chal jaaoongi ;
Loha samjhe the .. jalaya hai mujhe .. sabne bahut..
Mom hoon uski nigaahon se ... pighal jaaoongi ;
Chaahe jis waqt pukaare vo .... bula le mujhko ....
Jaise bhi haal me hun ... ghar se nikal jaaoongi ..!!
.........................................................................'Taruna'....
!!!
No comments:
Post a Comment