जो
क़रीने से ..... भरी थी ..... बेकरीने हो
गई ..
उसने
देखा .. प्यार से तो .. ज़िंदगी वो खो गई ;
.
लाख़
तरतीबें करी पर ... सूरतें निकली .. न कुछ
..
ज़िंदगी
... उसकी थी जैसे ... और उसकी हो गई ;
.
हो
गई बीमार ... उसके इश्क़ में ... मैं इस कदर ..
लोग
कहते रह गए ... जां अब गई .. अब तो गई ;
.
लग
रहा है .. दुश्मनी .. पिछले जनम से थी कोई...
थी मेरी सौतन पुरानी .... जो उसी की .... हो गई ;
.
हाल
ऐसा होगा मेरा .... कब ख़बर थी .. ये मुझे..
जागती
हूँ .... रात भर अब .. दिन-दहाड़े .. सो गई ;
.
अब
तसल्ली भी .. किसी की .. काम तो .. आती नहीं ..
सिर्फ़
तस्वीरें छपेंगी ..... वो गई ..... लो वो गई ;
.
इश्क़
ने की है इनायत .. अनगिनत ऐ ... ज़िंदगी ..
रंज
से जो थी .. लबालब ... ख्व़ाब सी वो हो गई...!!
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...............................................................................'तरुणा'...!!!
.
Jo
kareene se ... bhari thi .. be-kareene ho gayi ..
Usne
dekha .. pyaar se to ... zindgi wo kho gayi ;
.
Laakh
tarteebe karin par ... soortein nikali .. na kuchh...
Zindgi
..... uski thi jaise .... aur uski ho gayi ;
.
Ho gayi
beemaar .. uske ishq me ... main is qadar ..
Log kahte
rah gaye ... Jaan ab gayi .. ab to gayi ;
.
Lag raha
hai ... dushmani .. pichhle janam ki thi koi ..
Thi meri
sautan puraani .... jo usee ki ... ho gayi ;
.
Haal aisa
hoga mera ... kab khabar thi ... ye mujhe ..
Jaagti
hun... raat bhar ab ... din-dahade .. so
gayi ;
.
Ab
tasalli bhi ..... kisi ki ... kaam to aati nahi ...
Sirf
tasveerin chhapengi .. wo gayi .. lo wo gayi ;
.
Ishq ne
ki hai inaayat .... anginat .. Ai zindgi ..
Ranj se
jo thi ... labalab .. khwaab si wo ho gayi ..!!
.
................................................................................'Taruna'..!!!
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