चाँद पूरा है
.... आज की रात......
साथ चांदनी की ..
पुरनूर कहानियाँ...
इससे जुदा है ..
मेरा वज़ूद..
जुड़ी है मेरी ..
हर रुस्वाइयां...
हर जर्रा है ...
रोशन..
बजती है हर ओर ..
शहनाइयां...
फूलों.. पेड़ों..
गुंचों में..
बिखरी है ..
प्यार की निशानियाँ....
कहीं वस्ल की ...
बातें है...
तो कहीं लिपटी है
.. तन्हाइयां..
चांदनी .. सिमटी
है घाटियों में..
तो कहीं छाई है
.... वीरानियाँ.....
छेड़ता...हैं चाँद...चांदनी साथ मिलके...
क्यूँ ये हवा..भी करे है... गुस्ताखियाँ...
याके .. मेरे
ख्वाबगाह में.....
उतरी है .. रंगीन
परछाइयां...
फ़िज़ाओं में रौनक़
है ... चाँद की..
चांदनी में हमारी
... चाहत की गहराइयां...
...............................................................'तरुणा'...!!!
Chaand poora hai .... aaj ki raat...
Saath chaandni ki .. purnoor khahaniyaan...
Issey juda hai .. mera vajood ...
Judi hai meri ... har rusvaiynaan...
Har jarra hai ... roshan....
Bajti hai har aur ... shehnaaiyaan...
Phoolo .. pedon... gunchon me....
Bikhari hai ... pyaar ki kahaniyaan...
Kahin vasl ki .. baatey hain...
To kahin lipati hai ... tanhaaiyaan.....
Chaandni ... simati hai ghaatiyon me....
To kahin chhayi hain ... veeraniyaan ....
Chhedta hai Chaand...chaandni saath mike..
Kyun ye..hava bhi karey hai ...Gustaakhiyaan..
Yake ... mere khwaabgaah me ...
Utari hai ... rangeen parchaaiyaan ...
Fizaaon me raunaq hai ... chaand ki..
Chaandni me hamari .. Chaahat ki gehraaiyaan ..
..........................................................................'Taruna'....
!!!