तू फ़िर आज इस तरह
से मिला... मुझसे..
जैसे .. मिला था
पहली बार ...
मेरा दिल किसी
.... गुंचे सा चहका....
हर जर्रा..धरती
का .... हमारे दिल सा धड़का....
फ़िज़ाओं के होंठों
में ... शहद घुलने लगा ...
चाहतों की झील
में ... चाँद उतरने लगा...
रात की दहलीज़ पे
... तारें कर रहे हैं ..अठखेलियाँ ...
छलकती चांदनी में
मचलता है .. हसरतों का जहां...
मुहब्बत के
लम्हों से..खिली है ... मेरी मुरझाई ज़िंदगी.....
बेसाख्ता .. किसी
क़ैदी से .... रिहाई कर रही है दिल्लगी ...
तेरी मुहब्बत के
सितारों को ... यूँ पिरोया है मैंने....
जैसे बंज़र ज़मीं
में ... बीज ज़िंदगी का..बोया है मैंने...
बीज... ज़िंदगी
का.....
या मेरी ...
मुहब्बत की बंदगी का...!!
...........................................'तरुणा'....!!!
Too phir aaj is tarah se mila ... mujhse...
Jaise .. mila tha pahli baar ...
Mera dil kisi .. gunche sa chehka ...
Har jarra..dharti ka ..... hamare dil sa dhadka...
Fizaaon ke honthon me ... shehad ghulne laga ....
Chaahton ki jheel me ... chaand utarne laga ...
Raat ki dehleej pe .. Taare kar rahen hain ..athkheliyaan
....
Chhalakti chaandni me machalta hai ... Hasraton ka jahan...
Muhabbat ke lamho se..khili hai ... Meri murjhaayi Zindgi
....
Besaakhta..kisi qaidi se ... rihaayi kar rahi hai dillagi
...
Teri muhabbat ke sitaaron ko ... yun piroya hai maine ....
Jaise banjar zameen me ... beej zindgi ka...boya hai maine
...
Beej ... Zindgi ka.....
Ya meri .. Muhabbat ki bandgi ka.... !!
...................................................................................'Taruna'...!!!
4 comments:
बहुत सुंदर अलफाज...दिल की गहराइयाँ खुल रही है ....
Bahut Shukriya.... Hausla afjaayi ke liye... :)))
उम्दा ख्याल ............ वाह क्या बात !!!
Shukriya... Shailendra ji.. :)
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