Saturday, March 2, 2013

वो आख़िरी साँस....






नहीं चाहते मेरा...इंतज़ार करना....
न करो कोई.....फ़िक्र नहीं...
प्यार मेरा न समझ....आता है तुम्हे....
छोड़ जाओ...न करो जिक्र भी......
नहीं चाहती...कोई झूठा वादा तुमसे....
तुम तय करो...अपने रास्तों को.....
भरो..उड़ाने नए आसमानों पर....
याद करते रहो...हज़ारों...अफसानों को....
गुनगुनातें रहो...नग्में अंजानो को...
जिसका साथ चाहो...जिसकी राह चुनो......
जिसके प्यार के...ख्व़ाब बुनो.....
मुझे कोई...परवाह नहीं....
अनगिनत चाहें...अपनी साँसों में भर लो....
बस...मुझसे एक वादा...तो कर लो....
चाहे...पूरी ज़िंदगी मेरा ख्व़ाब न देखो...
मेरी राह न...ताको.....
मेरे नग्में न...गुनगुनाओ.....
मेरी तस्वीर को सीने से...न लगाओ...
मुझे अपनी हमराह...न बनाओ....
न लो...मेरे नाम की एक भी...साँस....
पर बस...इतना दिला दो...विश्वास....
मुझे अपनी...वो आख़िरी साँस...दोगे...
पहली साँस...ली थी जब...मैं थी न कहीं...
दूसरी...तीसरी....चौथी....साँस...न चाहिए....
ले लो....दूसरों के नाम....से...
मुझे...तो चाहिए...वो एक आख़िरी.....साँस...
जो..सिर्फ मेरी हो...फिर..और किसी की नहीं...
खड़ा पाओगे....तुम मुझे....वहीँ....
बस वहीँ....हमेशा हमेशा के लिए.....
तुमको अपना...बनाने को.....
उस आख़िरी पल में....आख़िरी साँस में.....
......................................................'तरुणा'.....!!!





4 comments:

D P SINGH said...

बहुत सुन्दर ........तरुणिमा जी

taruna misra said...

D P SINGH...Saahab....bahut bahut shukriya...:)

haider said...

bahot hi pyare pyare sher hai TARUNA MAN

taruna misra said...

Bahut bahut...Shukriya...Janaab Haider Saahab....:)))