Wednesday, February 15, 2017

फ़ायदा क्या है ?








ये बता मुझसे  चाहता क्या है...
तेरे लहज़े का फ़लसफ़ा क्या है ;
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तुझको आख़िर बता हुआ क्या है..
सोचता है तो सोचता क्या है ;
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दिल की बातें हैं तुम न समझोगे..
और समझ लो तो फ़ायदा क्या है ;
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आ रहा है वो पास क्यूँ इतना..
जाने अब उसका फ़ैसला क्या है ;
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जिसको ख़्वाहिश नहीं है मंज़िल की..
क्या पता उसको रास्ता क्या है ;
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क्या ख़ता हो गई पता तो चले ..
तू ये टुक टुक के देखता क्या है ;
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मिलना चाहो तो मिल भी सकते हैं..
फ़ासला है तो फ़ासला क्या है ;
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जब बिछड़ने का मन बना ही लिया..
फिर तू मुड़ मुड़ के देखता क्या है ;
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उसका ख़त पढ़ चुकी हूँ कितनी बार..
ख़त में उसने मगर लिखा क्या है..!!
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.............................................'तरुणा'....!!!


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