Wednesday, March 15, 2017

आँखों में...!!!


है अयाँ दिल का हाल आँखों में..
पढ़ के देखो सवाल आँखों में ;
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पूछते कम से कम तो ये इक बार..
क्यूँ ये डोरे हैं लाल आँखों में ;
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जिन से बेचैनियाँ रहें दिन भर...
ख़्वाब ऐसे न पाल आँखों में ;
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इन में रहती है तेरी परछाईं...
धूल तू तो डाल आँखों में ;
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वक्ते रुख़सत तो देखते मुड़ के...
बस यही है मलाल आँखों में ;
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अब तो घर लौट कर चले आओ...
जाए उबाल आँखों में ;
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उम्र भर की न हो पशेमानी...
प्यार कर लो बहाल आँखों में ;
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राज़े दिल खोलती हैं ये ‘तरुणा’...
है ये कैसा कमाल आँखों में...!!
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........................’तरुणा मिश्रा ‘...!!!